Kavita Gautam

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एक लम्बा सफर

"एक लम्बा सफर"


ह्रदय में भाव और कागज पर
शब्द कुछ उतरते हैं
जिंदगी के सफर की दास्तां
जब हम लिखते हैं

इक कहानी सी बन जाती है
कुछ इस कदर
पलकों को पलकों से
जब हम मिलाते हैं

पलकें उठाते ही हो जाती है

ओझल वो कहानी कहीं
जैसे आसमां में बादल
कहीं खो जाते हैं

कभी मुस्कुराते हैं हम
तो कभी आंखें होती हैं नम
खुद को महफूज समझते हैं
जब तुम्हारी पनाह में
खुद को पाते हैं

अभी तक का सफर तो
सुहाना था बहुत
आगे भी तुम्हारे साथ यूं हीं हम
जिंदगी  का एक लम्बा सफर
तय करना चाहते हैं

हंसते मुस्कुराते
तो कभी रूठते मनाते
बस यूं ही साथ तुम्हारे
चलते रहना चाहते हैं

हो सकता है कि आएं
इस सफर में कुछ उलझनें
साथ चलते चलते
उनको सुलझाना चाहते हैं।।

कविता गौतम...✍️

#हिंदी दिवस प्रतियोगिता 

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14 Comments

Kavita Gautam

21-Sep-2022 01:31 PM

आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏

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Swati chourasia

20-Sep-2022 07:34 PM

बहुत ही सुंदर रचना 👌

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Achha likha hai 💐

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